
मोटापा
भारत में मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बढ़ते मोटापे को लेकर चिंता जता चुके हैं। पीएम ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोटापे का जिक्र करते हुए तली हुई चीजें कम खाने की सलाह दी थी। गौरतलब है कि देश की युवा आबादी तेजी से मोटापे की चपेट में आ रही है। इसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल है। नए उम्र के बच्चे भी मोटापे की चपेट में आ रहे हैं। मोटापे बढ़ने की वजह जंक फूड का अधिक सेवन और डेली रूटीन सही नहीं होना है। भारत में मोटे लोगों की बढ़ती संख्या ने वजन घटाने वाली कंपनियों के लिए बड़े अवसर खोल दिए है। अमेरिकी दवा कंपनी Eli Lilly ने भारत में Mounjaro नाम की वेट लॉस दवा लॉन्च की है। इसकी कीमत ₹14,000 से ₹17,500 प्रति माह के बीच होगी। आइए जानते हैं कि वजन घटाने की दवा का मार्केट साइज, कीमत से लेकर इसके इस्तेमाल से होने वाले साइड-इफेक्ट्स के बारे में।
भारत में 600 करोड़ का बाजार
भारत में मोटापा तेजी से बढ़ा है लेकिन वेट लॉस दवा का सेवन करने वाले लोगों की संख्या काफी कम है। अभी तक अमीर लोग ही वेट लॉस दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए इसका मार्केट साइज करीब 600 करोड़ रुपये का है। हालांकि, पिछले 5 साल में वजन घटाने वाली दवा का मार्केट 30% से अधिक सीएजीआर से बढ़ा है। डॉक्टर का कहना है कि भारत में मोटापे की बढ़ती समस्या के कारण वजन घटाने वाली दवाओं की मांग में वृद्धि हो रही है। हालांकि, इन दवाओं का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इनके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
भारत में कितनी चुकानी होगी कीमत
भारत में Mounjaro ने 2.5mg और 5mg शीशियों की कीमत क्रमशः ₹3,500 और ₹4,375 रखी है। यह एक इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध होगी, जिसे सप्ताह में एक बार लेना होगा। वहीं महीने भर के डोट के लिए ₹14,000 से ₹17,500 रुपये चुकाने होंगे। हालांकि, Mounjaro को भारत में सबसे पहले दवा लॉन्च करने का फायदा मिलेगा लेकिन जल्द ही कई और कंपनियां इस सेगमेंट में एंट्री मारने की तैयारी कर रही है। इसके बाद दवा की कीमत में तेजी से कमी आने की संभावना है।
दवा का बाजार
दवा कैसे करती है काम?
वजन घटाने के लिए Mounjaro शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, भूख कम करने और पाचन प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करती है। इससे व्यक्ति को ज्यादा समय तक पेट भरा हुआ या भूख का अहसास नहीं होता है। इसके चलते व्यक्ति की खुराक कम हो जाती है और उसका वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है।
साइड इफेक्ट्स
शहरों में समस्या ज्यादा गंभीर
भारत के शहरों में मोटापा की समस्या ज़्यादा गंभीर है। शहरी इलाकों में पुरुषों में 29.8% मोटापे से ग्रस्त हैं, जबकि गांवों में यह 19.3% है। महिलाओं के लिए, शहरी दर 33.2% है, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह 19.7% है। शहरों में गतिहीन जीवनशैली और जंक फूड्स की बढ़ती खपत इस संकट को और भी बदतर बना रही है।
मधुमेह और मोटापा बड़ा संकट
भारत की आबादी 140 करोड़ से ज्यादा है। देश में मोटापे और मधुमेह रोगी की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ के अनुसार, भारत में मधुमेह रोगी की संख्या 2021 में 7.42 करोड़ से बढ़कर 2045 तक 12.4 करोड़ होने का अनुमान है। 2019 से 2021 तक के एक सरकारी सर्वेक्षण में पाया गया कि 24% महिलाएं और 23% पुरुष (15-49 वर्ष की आयु) मोटापे से ग्रस्त हैं। यह 2015-2016 के स्तर (20.6% महिलाएं, 19% पुरुष) की तुलना में यह काफी ज्यादा है।
दुनियाभर में वेट लॉस दवा की जबरदस्त मांग
वैश्विक स्तर पर वजन घटाने वाली दवाओं का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। वजन घटाने में मदद करने वाली GLP-1 दवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक इस बाजार का आकार 150 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।